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Nos Nouvelles
Climate Witness: Dan Cox, USA
मेरा नाम डॅनियल् जे कॉक्स् हैं । मैं ४८ वर्षिय हूँ और मैं संयुक्त राज्य अमरीका में मॉन्टॅना स्थित् बोजमन् नगर के बाहर गॅलॅटीन प्रान्त में रहता हूँ । व्यवसाय से मैं एक फोटोजर्नलिस्ट् हूँ और पिछले २८ वर्षोंसे मैं मुख्यतः प्रकृति और वन्य जीवों पर काम कर रहा हूँ ।
उत्तरी ध्रुवी और चर्चिल , मॅनिटोबा में ध्रुवीय भालुओं के वार्षिक संचयन की तस्वीरें खिंचनें के लिये की गयी मेरी यात्राओंके निमित्त मैंने मौसम में तापमान की वृद्धि के कारणवश होने वाले बहुतांश बदलावोंको देखा हैं । मैं इस क्षेत्र को पिछले लगभग २० वर्षोंसे लगातार भेंट देता आ रहा हूँ । इस क्षण जब मैं यह लिख रहा हूँ , मैं अपनी राह इसी हडसन् बे के किनारे स्थित् इस छोटेसे नगर से तय करता एक और ध्रुवीय भालुओं के वार्षिक संचयन के मौसम की ओर बढ़ रहा हूँ ।
मौसम में बदलाव का मेरा अवलोकन मुख्यतः मेरे उत्तरीय यात्राओंपर आधारित हैं । चर्चिल की यात्राओंको मैंने सन १९८८ में प्रारंभ किया । इस रोमांचकारी उप-उत्तरी ध्रुवी समाज की यात्रा के दौरान मैं हमेशा रात्रि के समय विनीपेग् में ठहरता हूँ । सन १९८८ के मेरे आगमन के समय मौसम ठंडा और तूफ़ानी था । पहलेसे जमीन पर १-२ फुट बर्फ की परत जमी रहती थी । यह बात मुझे मेरे रात के समय खानेकी जगह ढूंढने के लिये हॉटलसे निकलने के साहस कर्मोंकी वजह से स्पष्ट रूप से याद हैं । शुरुआत के दस से बारह वर्षों तक यह बात आम थी । यद्यपि अब ऐसा नहीं रहा । पिछले वर्ष आकाश में सूर्य निकल आया था , जमीन पर बर्फ का नामोनिशान न था और तापमान हिमकारी से काफी अधिक था । मानो शरद् ऋतु का एक सुंदर दिन ।
मौसम में बदलाव के आभास मुझे सन २००० के आखिरी में होने लगे , परंतु सन २००३ – २००४ में वे स्पष्ट होने लगें । सर्व प्रथम हमारे चर्चिल में ध्रुवीय भालुओंको देखने की तारीखोंमें बदलाव आया । हमारी यात्रायें ३ नवंबरको शुरु होती थी । इस वर्ष , सन २००८ में , यात्रा नवंबर १७ तक शुरु नहीं हुई । ध्रुवीय भालुओंतक पहुँचने के लिए हमारे वाहन को हिमाच्छादित तटरेखा की आवश्यकता होती हैं । अब नवंबर के शुरुआत में चर्चिल पहुँचने के लिये तटरेखा इतनी हिमाच्छादित नहीं होती हैं ।
पिछले सालोंमें चर्चिल की यात्रा के अंत तक , भालू हमेशा जा चुके होते । बर्फ जम गया होता , तापमान सामान्यतः शून्य अंश से कम होता और तट बहुतांश बर्फ से ढँका होता । इस वर्ष जब हम चर्चिल से नवंबर २६ सन २००८ को निकले तब भालू वहीं थे , खाड़ी अभी भी खुली थी और अनेक मादा भालू अपने शावकों के साथ काफी थकी हुईं , भुखीं और अधिक दुबली दिख रहीं थी , जैसे मैंने कभी नहीं देखी थी ।
मौसम का यह बदलाव मेरी यात्रा के लिये काफी आरामदेह हैं , परंतु ध्रुवीय भालुओंको , जिनकी मैं तसवीरें निकालने वाला हूँ , यह काफी प्रभावशाली तरिकेसे असर करता हैं । हर अतिरिक्त सप्ताह वे शिकार के लिये बाहर बर्फ में नहीं निकल सकते , परिणाम , शरीरकी चर्बी में घटौती और अस्वस्थ शारिरीक अवस्था । आजकल पश्चिमी हडसन् बे में पाये जाने वाले ध्रुवीय भालू छोटे और वजन में कम होते हैं ऐसा उनका अभ्यास करने वाले वैज्ञानिकोंका अवलोकन हैं । यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो यह अनुमान हैं कि ध्रुवीय भालुओंकी आबादी नष्ट हो जाएगी और हडसन् बे के यह ध्रुवीय भालू अगले २०-३० वर्षोंमें अतीत का एक हिस्सा बन जाएंगे ।
फोटोजर्नलिस्ट् का मेरा काम मुझे उत्तरी ध्रुवी और उसमें होने वाले वर्तमान के परिवर्तनोंके बारे में जानकारी इकठ्ठा करने का अवसर प्रदान करता हैं । यह मेरा ध्येय हैं की मैं अगले अनेक वर्ष मौसम में होने वाले इन परिवर्तनोंका अभ्यास करु और मौसम के तापमान में होने वाली वृद्धि का वन जीवन एवं दूर उत्तरीय क्षेत्र में रहने वाले लोगोंपर होते असर का अभ्यास करु । यह सारा काम पोलार बेअर्स इंटरनॅशनल इस संरक्षण समूह की छत्र छाया में होगा । इस परिश्रमी और प्रभावशाली समूह के बारे में अधिक जानकारी आपको उनकी वेबसाइट www.polarbearsinternational.org या मेरी वेबसाइट www.naturalexposures.com पर मिलेगी । मेरा विश्वास हैं की पोलार बेअर्स इंटरनॅशनल के माध्यम से मेरा काम विश्व में औंर कईं लोगोंको वातावरणमें कार्बन डाइऑक्साइड न फैलें इस बात को आचरण में लाने के लिए उपयुक्त परिवर्तन करने में प्रोत्साहित करेगा ।
पोलार बेअर्स इंटरनॅशनल के सारे वैज्ञानिक इस बात पर अटल हैं की अभी भी वक्त हैं तपते हुए ग्रह के कारण होने वाले परिणामोंको बदलने का । यह आशा मुमकिन हो सकती हैं यदि हर व्यक्ति स्वयं बिजली का उपयोग कम करें , कार्बन फ्युल् का उपयोग कम करें , ज्यादा बचाए और वस्तुतः हर वस्तु का पुनर्चक्रण करें । नये विश्व की हरित अर्थव्यवस्था बहुत सारें रोजगार और साथ ही साथ पृथ्वी को विशुद्ध कर सकती हैं । मैं इस बात को कुछ इस दृष्टि से देखना हूँ । लगभग सारे लोग लगभग हर वस्तु का बीमा कराते हैं । हम अपने जीवन का , वाहन का , घर का , स्वास्थ्य का और कईं सांसारिक वस्तुओंका बीमा कराते हैं । क्यों ना हमारी पृथ्वी माता के लिए एक बीमा कराया जाए ? ऐसा करने में हमारा क्या नुकसान होना हैं ? अंततः हमें ज्यादा शुद्ध जल , ज्यादा साफ हवा , ज्यादा शुद्ध वर्षा , और बेहतर जीवन स्तर प्राप्त होगा । यह चीजें और साथ-साथ हमारे प्रशासन के नयें , हरे प्रौध्योगिकोंको बढ़ावा देने की निती उपाय हैं हमारे इस सुंदर ग्रह पर दीर्घकालिक अस्तित्व का । हमारे पास समय कम हैं परिवर्तनों के लिए अगर उन्हें प्रभावकारी करना हो । परिवर्तन न करने के परिणाम किसी विनाशकारी आपत्ति से कम नहीं होंगे मनुष्य नामक जाति के लिए ।
वैज्ञानिक समीक्षा
समालोचक : डॉ हेन्री हन्टिंगटन , स्वतंत्र अंवेशक , संयुक्त राज्य अमरीकाडॅन् का चर्चिल के आस पास मौसम और ध्रुवीय भालुओंमें देखे गये बदलाव का विवरण उस क्षेत्र के वैज्ञानिक अवलोकन से और हमारी उस बदलते हुए मौसम की अपेक्षा से मेल खाता हैं । दक्षिणी हडसन् बे कईं माय़नोंमें ध्रुवीय भालुओं के लिए एक नाममात्र प्राकृतिक आवास हैं क्योंकि वह उनकी सीमा के दक्षिणी छोर पर हैं और उस क्षेत्र में हैं जहाँ समुद्री बर्फ समय और मोटाई के मामले में अधिकतर कम विश्वसनीय और समनुरूप हो चला हैं ।
कुछ ऐसे ही लक्षण उत्तरीय अलास्का में भी पाए गये हैं । जॉर्ज डायवोकी , जिन्होंने अलास्का स्थित् बॅर्रो के निकट कूपर द्वीप पर कुछ दशकों तक ग्युलिमॉट्स का अभ्यास किया हैं , ने अधिकाधिक ध्रुवीय भालुओंको गर्मियोंमें जमीन पर इतनी संख्या में पाया हैं कि वह अपना क्षेत्र कार्य पहले जैसा नहीं कर सकते । हडसन् बे जैसे ही अलास्का में भी बर्फ प्रभावशाली रूप से बदली हैं जो कारण हैं भालुओंके आधिमत प्राकृतिक आवास के घटने का और उन्हें नयें आचरण को अंगीकार करने को विवश होकर अधिक समय तट पर बिताने का ।
दुर्भाग्यवश इन बातोंका अर्थ ध्रुवीय भालुओंका भविष्य काफी साफ कर देता हैं । वे कुछ नयें तरिकें अपना सकते हैं , जैसे कि गर्मियोंमें चारा या घास की खोज में जमीन पर घुमना या जमीन पर शिकार करना । कुछ ध्रुवीय भालुओंने भुरे भालुओंके साथ भी संसर्ग किया हैं । यह अभी कहना अयोग्य होगा कि यह बात एक प्रवृत्ति बन जाएगी , किंतु ध्रुवीय भालू अगर अधिकतर समय जमीन पर रहने लगे तो उनका सामना अधिक भुरे भालुओंसे होगा । यह प्रकार किस तरह के आचरण की ओर ले जाएगा यह देखना अभी बाकी हैं ।
मुझे प्रसन्नता हैं कि डॅन् ध्रुवीय भालुओंके भविष्य को लेकर आशावादी हैं । वे उत्तरी ध्रुवी और विशुद्धता के प्रतीक हैं , और वे हमारे जावन को आभूषित करते हैं । जैसे डॅन् कहता हैं , अभी भी समय हैं , मात्र हम शीघ्र कृति करने की तत्परता रखतें हो तो ।
संदर्भ : “Ecological Applications”: मौसम के परिवर्तन का उत्तरी ध्रुवी समुद्री स्तनपायी जीवोंसे सम्बन्ध । यह संग्रह डॅन् के अवलोकन को एक व्यापक संदर्भ देता हैं तथापि मौसम के संबंधी आंकड़े पुराने हैं । समुद्री बर्फ का क्षय वास्तव में अधिक तेजी से हो रहा हैं जिससे समस्या और भी अविलंब्य हो रहीं हैं ।