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Climate Witness: Maya Radeva, Bulgaria

Maya Radeva is the director of Balgarka Nature Park, in Gabrovo, Bulgaria and over the past 15 years she has witnessed an episodic increase in temperature in the region that has been affecting forests. In 2007 the high temperatures made it difficult for the trees to fill their seeds.

मेरा नाम माया रदेवा हैं , और मैं बल्गेरिया में गॅब्रोवो स्थित् बॅल्गका॔ प्रकृति उद्यान की संचालिका हूँ ।

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जुलै महिने में जंगल हरा भरा ताजा होने की बजाय नवंबर महिने में ठंड से ठिठुरता जैसे लग रहा था । भुरे रंग के सूखे पत्ते पेड़ोसे गिर रहें थे । घांस , जो इन दिनों प्रायः हरी रहती हैं , हमारे पैरों तले सुखी  और सख्त लग रहीं थी । जंगल मानो रो रहा हो।

पिछले १५ वषो॔से वातावरणके तापमानमें अनियमित रुप से वृद्धि हो रहीं हैं , परंतु सन २००७ के गमी॔ का मौसम केवल अद्भुत था । पेड़ोंके पत्ते सूख गये थे और लगभग जून के आखिरी से जुलै के शुरुआत तक गिरना शुरु हुए थे । जंगलोंमें खाली बीज पड़े थे । स्पष्टतयः तापमान में वृद्धि के कारणवश बीजों में दाने नहीं भर पायें थे ।

नदी में पानी का स्थर बहुत कम

यंत्रा नदी का उगम स्थल , जिसमें पानी का स्थर इतना कम हमने कभी नहीं देखा था , अब पूरी तरह से सूख गया था । उगम स्थल से पानी बिल्कुल भी नहीं आ रहा था उसका बहाव नींचे आते आते बहुत कम हो गया था ।

बल्गेरिया में ऊंचाई पर मेडिटरेनियन पौधें

पिछले वष॔ हमारे एक सहकमी॔ – जो एक बायोडायवसि॔टी विषेशग्य हैं – उजाना विभाग में १३०० मिटर की ऊंचाई पर एक जंगली प्याज की जांति की खोज की । एक अध्ययन के अनुसार यह जांति ग्रीस और इटली के दख्खन विभाग में पायी जाती हैं । यदि मेडिटरेनियन पौधें , जो अन्यतः उष्ण तापमान में पाये जाते हैं , यदि समुद्र के स्थर से १३०० मिटर की ऊंचाई पर पायें जायें , तो यह वातावरण के उष्ण होने और प्रकृति में बदलाव होने के संकेत हैं ।


 

वैज्ञानिक समीक्षा

समालोचक : प्रोफेसर पियोटर् ट्रायानोस्की, ऍडम् मिकीविक्ज् विश्वविद्यालय, पोलैंड

माया ने किये हुए मौसम में होने वाले बदलाओं का विवरण मेरे साथियों ने वर्तमान के उपलब्घ मौसम सम्बंधी साहित्य की समीक्षा से मेल खाता हैं । फिर भी केवल दो भिन्न समयावधिओं की तुलना करने में हमें सतर्क रहना चाहिए । अन्य गुणक, जैसे कि प्राकृतिक वास में बदलाव, इनका भी प्रभाव हो सकता हैं उस अवधि में ।


रोजेनज्वाइग् सी., कॅरोली डी., विकारेल्ली एम्., निओफोटिस् पी., वू क्यू., कॅसास्सा जी., मेन्जेल् ए., रूट टी. एल्., एस्ट्रेल्ला एन्., सेगुइन् बी., ट्रायानोस्की पी., लियू सी., रॉलिन्स् एस्., इमेसन् ए. (२००८) मौसम के ऍन्थ्रोपोजेनिक् बदलावों में भौतिक एवं जैविक प्रभावों का योगदान । नेचर् ४५३: ३५३ – ३५८